Taarak Mehta’s Babita ji revealed the secret of her first audition, said- ‘he put her hand in my pants’ ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ में बबीता जी का रोल प्ले करने वाली मुनमुन दत्ता को आज किसी पहचान की जरूरत नहीं है. उन्होंने अपने किरदार से कई लोगों का दिल जीता है। हाल ही में मुनमुन ने अपने साथ हुई भीषण घटनाओं को याद करते हुए इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर किया था, जिसमें उन्होंने #MeToo मूवमेंट के चलते अपने साथ हुई अनचाही घ टना को समाज के सामने रखा था. इसमें उन्होंने 2017 की एक घ टना का जिक्र किया और बताया कि एक वक्त ऐसा भी था जब वह काफी दर्द से गुजरे थे. आइए आपको बताते हैं पूरा मामला.
दरअसल मुनमुन दत्ता आज के जमाने में टीवी की मशहूर एक्ट्रेस बन गई हैं. जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि मुनमुन हमेशा सोशल मीडिया पर एक्टिव रहती हैं, उन्होंने हाल ही में 25 अक्टूबर को अपने साथ हुई परेशानी का जिक्र किया था। मुनमुन दत्ता ने अपने पोस्ट में लिखा है कि इस तरह के पोस्ट को शेयर करना और महिलाओं पर छेड़छाड़ के बारे में इस वैश्विक जागरूकता में शामिल होना और उन महिलाओं के प्रति एकजुटता दिखाना जो इस उत्पीड़न से गुज़री हैं, इस समस्या की भयावहता को दर्शाता है। है।
मुनमुन ने अपना दुखड़ा बताते हुए आगे लिखा है कि ‘अच्छे’ आदमियों की संख्या देखकर हैरान हूं जिन्होंने बाहर आकर अपने #metoo अनुभव साझा किए. यह आपके ही घर में हो रहा है, आपकी अपनी बहन, बेटी, मां, पत्नी या यहां तक कि आपकी नौकरानी के साथ भी। उनका विश्वास हासिल करें और उनसे पूछें। इनके जवाब जानकर आप हैरान रह जाएंगे. इनकी कहानियां जानकर आप हैरान रह जाएंगे.
मुनमुन आगे लिखती हैं कि ऐसा कुछ लिखते वक्त मेरी आंखों में आंसू आ जाते हैं. जब मैं छोटा था, तो मुझे अपने पड़ोसियों की आँखों और उनकी घूरती आँखों से डर लगता था, जो मुझे जब भी मौका मिलता, वे मेरी ओर देखते और मुझे धमकी देते कि मैं यह बात किसी को या मेरे बड़े चचेरे भाइयों को न बताऊँ जो ऐसा नहीं करते हैं। मुझे अपनी बेटियों की तरह देखें या वह आदमी जिसने मुझे अस्पताल में पैदा होते देखा और फिर 13 साल बाद उसे लगा कि अब वह मेरे शरीर के अंगों को छू सकता है क्योंकि मेरा शरीर बदल रहा है।
आगे कहा कि…या मेरे ट्यूशन टीचर जिसने मेरे जांघिया में हाथ डाला या वो दूसरा टीचर जिसे मैंने राखी बांधी थी. वह जो कक्षा में लड़कियों को डांटने के लिए ब्रा की पट्टियाँ खींचकर उनकी ब्रा* पर थप्पड़ मारता था या ट्रेन स्टेशन का आदमी जो उन्हें छूता था। क्यों? क्योंकि आप बहुत छोटे हैं और यह सब बताने से डरते हैं। आप इतने डरे हुए हैं, आपको लगता है
आप घुटन महसूस करते हैं। लेकिन आप नहीं जानते कि आप इस बात को अपने माता-पिता के सामने कैसे रखेंगे वरना आपको इसके बारे में किसी से एक शब्द भी कहने में शर्म आएगी और फिर आप में पुरुषों के लिए न फरत पैदा होने लगती है। क्योंकि, यह वे लोग हैं जो आपको इस तरह महसूस कराने के लिए दो षी हैं।
उन्होंने लिखा कि खुद से इस घि नौने अहसास से छुटकारा पाने में मुझे सालों लग गए। इस आंदोलन में शामिल होने और लोगों को यह एहसास दिलाने के लिए एक और आवाज बनकर खुशी हुई कि मुझे भी नहीं बख्शा गया। आज मुझमें इतनी हिम्मत है कि जो आदमी मुझ पर कुछ भी करने की कोशिश करेगा उसे दूर से भी चीर दूंगा। मुझे आज खुद पर गर्व है। हालांकि मुनमुन को देखकर कभी नहीं लगा कि वह इतने दुख के दौर से गुजरी हैं, लेकिन वह इतनी मजबूत महिला हैं कि आज सभी लड़कियों को उन पर गर्व होगा।
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